Volume : XIII, Issue : X, November - 2023 भारतीय भाषा एवं संस्कृति- भूमंडलीकरण के परिप्रेक्ष्य में।डॉ. पूनम यादव, None By : Laxmi Book Publication Abstract : किसी भी राष्ट्र की संस्कृति और अस्मिता की पहचान उसकी अपनी भाषा से होती है विश्व में वही राष्ट्र प्रतिष्ठा और सम्मान का पात्र होता है जिसे अपनी भाषा, संस्कृति और संस्कारों पर गर्व होता है हम अपनी भाषा के माध्यम से ही अपने साहित्य सभ्यता तथा संगीत से परिचित हो सकते हैं । Keywords : Article : Cite This Article : डॉ. पूनम यादव, None(2023). भारतीय भाषा एवं संस्कृति- भूमंडलीकरण के परिप्रेक्ष्य में।. Indian Streams Research Journal, Vol. XIII, Issue. X, http://isrj.org/UploadedData/10858.pdf References : - सचदेवा अनीता, वैश्वीकरण एवं हिंदी का विकास, नेशनल प्रिंटर्स नई दिल्ली, संस्करण 2017 पृष्ठ संख्या- 01
- दीक्षित प्रो सूर्य प्रसाद, भूमंडलीकृत विश्व के बीच भारत और भारतीय भाषाएं(सं) शर्मा हर्षबाला, इक्कीसवीं सदी: औपनिवेशिक मानसिकता और भाषा अंतिका प्रकाशन, नई दिल्ली
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