Volume : III, Issue : II, March - 2013 "नारी पत्रिकाओ में नारी की स्थिति"(गृहशोभा, गृहलक्ष्मी विशेष के संदर्भ में)निधि सैनी Published By : Laxmi Book Publication Abstract : हिन्दी कथा सहित्य में नारी चित्रण- स्वातंत्र्यचेतना से किया गया है| महिला पत्रिकाओ में विशेषकर गृहशोभा – गृहलक्ष्मी में नारी के विभिन्न रूपों का तथा उसकी स्थिति का पुखता स्वरूप हमे स्पष्ट दिखाई देता है| मध्युगीन स्त्री की छटपटाहट हो या फिर आधुनिकता के परिवेश में स्त्री अपने संस्कारो को संभालने में काहॅ तक मूल्यों को सुरक्षित रख पार हि है तथा क्या उसे संस्कारो की आड़ मध्ययुगीन परिवेश की नारी की हि भॅति आज भी छटपटाहट हुए जीवन जीना पड़ रहा है | Keywords : Article : Cite This Article : निधि सैनी , (2013). "नारी पत्रिकाओ में नारी की स्थिति"(गृहशोभा, गृहलक्ष्मी विशेष के संदर्भ में). Indian Streams Research Journal, Vol. III, Issue. II, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/3271.pdf References : - गृहलक्ष्मी , इंकार (कहानी), पृष्ठ-५२ (जून -२०१३)
- गृहशोभा , स्नेह का रिश्ता (कहानी), पृष्ठ- ३२ (मई-२०१३)
- गृहशोभा बड़ी भूल (कहानी), पृष्ठ -९०- (मई-२०१३)
- गृहशोभा , सीमा (कहानी), पृष्ठ -११२ (मई-२०१३)
- गृहलक्ष्मी थप्पड़ (कहानी) पृष्ठ -७८ (जुलाई – २०१३ )
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