Volume : I, Issue : II, March - 2011 सिनेमा मे शोधरेणु सिंह Published By : Laxmi Book Publication Abstract : सिनेमा आवश्य ही कला का रूप है | सिनेमा निर्माताओं को एक श्रव्य-दृश्य के फील्मांकन के लिए कई आवश्यक निर्णय लेने होते है | इस प्रक्रीया में शाँट के दृष्टीकोण चयन से लेकर सम्पादन तक निर्देशक अपने सृजनशक्ति एवं कला कौशल का प्रयोग करता है | यह शोध लेख इस मुद्दे पर प्रकाश डालता है कि अवश्य ही सिनेमा बनाने में निर्माता को अपनी कलात्मक स्वतंत्रता होनी चाहिए पंरतु सिनेमा के विषय चयन के लिए सामाजिक सर्वेक्षण करने की आवश्यकता है| Keywords : Article : Cite This Article : रेणु सिंह, (2011). सिनेमा मे शोध. Indian Streams Research Journal, Vol. I, Issue. II, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/3718.pdf References :
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