Volume : I, Issue : I, February - 2011 मानव के व्यक्तित्व विकास में अष्टांग योग की भूमिका-एक अध्ययनअविनाश यादव Published By : Laxmi Book Publication Abstract : प्रस्तुत अध्ययन मानव के व्यक्तित्व विकास में अष्टांग योग की भूमिका प्राचीन ग्रन्थों के अनुशीलन द्वारा किया गया है। व्यक्तित्व और अष्टांग योग परस्पर जुड़े हुए हैं। और अष्टांग योग का व्यक्तित्व पर बहुत ही साकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा शोधार्थी के शोध अध्ययन में पाया गया है। Keywords : Article : Cite This Article : अविनाश यादव, (2011). मानव के व्यक्तित्व विकास में अष्टांग योग की भूमिका-एक अध्ययन. Indian Streams Research Journal, Vol. I, Issue. I, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/6294.pdf References : - पातंजलि योग सूत्र
- स्वास्थ्य के लिये योग: सदाषिव निंबालकर
- योग साधना व योग चिकित्सा रहस्यः स्वामी रामदेव
- आसन,प्राणायाम, मुद्रा, बंध: स्वामी सत्यानन्द सरस्वती
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