Volume : III, Issue : V, June - 2013 कवि नागार्जुन के काव्य और व्यंगवासुदेव शेट्टी Published By : Laxmi Book Publication Abstract : कबीर और निराला के बाद नागार्जन का नाम हिन्दी काव्य में व्यंग्यकार के रूप में आता है। उनका कटाक्ष कटु और तीक्ष्ण है और साथ ही उनकी तीव्र दृष्टि से कोई भी वर्ग अछूता नहीं है। वह वास्तविक जीवन का चित्रण करने वाले एक लोकतांत्रिक कवि हैं। Keywords : Article : Cite This Article : वासुदेव शेट्टी, (2013). कवि नागार्जुन के काव्य और व्यंग. Indian Streams Research Journal, Vol. III, Issue. V, http://oldisrj.lbp.world/UploadedData/6644.pdf References : - नागार्जुन- मंत्र-कविता- प्रतिनिधि कविताएं संपा.-नामवर सिंह - पृ दृ 111
- नागार्जुन- आओ रानी, हम ढोएंगे पालकी, जनकवि- संपा. विजयबहादूर सिंह - पृ दृ 122
|